राजा शिवदीन सिंह बारी
बारी कुल शिरोमणि स्वर्गीय श्रीमान् राजा शिवदीन सिंह जी बारी
राजा शिवदीन सिंह के पिता स्व० वख्तावर सिंह बारी जिला रायबरेली के निवासी थे, जो महाराजा राणा सा० रायबरेली की फौज में श्रेष्ट सिपाही के पद पर कार्यरत थे।
बेतिया जिला के ताल्लुकेदार श्री जगमोहन सिंह के पास राणा सा० रायबरेली का खजाना कई वर्षों का इकट्ठा हो गया था। जगमोहन सिंह बागी थे। जब कभी कोई कर्मचारी राजा सा० का मामला वसूल करने जाता था वह भगा दिया जाता था। राणा सा० अपने सिपाहियों व सरदारों के बीच पान का बीडा रखा जिसे उठाने में सभी थर्रा गये, किसी की हिम्मत न हुई, उसी दरमियान श्रेष्ठ सिपाही शिवदीन बारी ने लपक कर बीड़ा उठाया और चबा कर बोला कि सरकार चिन्ता मत करियो उनसे रकम हम वसूल करेंगे।
शिवदीन अपने साथी वीर सिपाहियों को लेकर बेतिया के लिये प्रस्थानित हो गये। ताल्लुकेदार सा० के स्थान के करीब पहुँचने पर अपने सिपाहियों को इधर-उधर छिपा दिया और कहा कि जब हमारी सीटी बजेगी तब फौरन दौड़ पडना।
शिवदीन अकेले मिलने गये। मिलने पर इधर-उधर की मिली-जुली बातें करने लगे। शिवदीन ने कहा कि श्रीमान जी! आप राणा सा० को क्यों नाराज करते हैं?
उनको थोड़ा-थोड़ा खजाना देते जाइये ताकि उनके भी दिल में किसी प्रकार का दुःख न हो और ऐसा करने से आप की भी भलाई होगी।
इस प्रकार की सुझाव भरी बातें सुनकर जगमोहन सिंह रोष में भर आये और बोले कि मालूम होता है आप देन वसूल करने आये हो। नहीं! नही!! सरकार मै तो आपका दर्शन करने आया हूँ। परन्तु जब आपको किसी प्रकार मानना ही नहीं है तो यही मान लीजिये कि देन ही वसूल करने आया हूँ। जगमोहन सिंह कड़क कर बोले कि "चल ! चल!! बड़ा वसूल कुनिन्दा बनकर आया है इतना सुनते ही शिवदीन ने उनकी कलाई पकड़ ली और शीटी बजा दी। छिपे हुये सिपाही कूद पड़े और जगमोहन सिंह को पकड़ कर अपने हिरासत में कर लिया।
शिवदीन ने सेना के जवानों को हुक्म दिया कि इनका खजाना लूट लिया जाय राणा के नजर गुजारों सिपाहियों ने खजाना की सारी सम्पत्ति लूटकर खच्चरों में लाद लिया और चल दिये। जगमोहन सिंह हिरासत से भागकर बेतवा नदी में कूद पड़े। शिवदीन भी म्यान से तलवार निकाल कर नदी में कूद पड़े और उनका सर काटकर मय खजाना के वापस आये।
राणा सा० शिवदीन के इस वीरोचित कार्य से प्रसन्न होकर शिवदीन बारी को सिंह तथा राजा की पदवी देकर भवानी गढ़ का इलाका दे दिया। शिवदीन सिंह बारी को बारी संसार के अतिरिक्त इतिहासकार भी जानते हैं। रायबरेली जिला के अन्तर्गत बछरावा तहसील के भवानीगढ़ का किला अब भी उस महान वीर की गाथा गा रहा है।
